जिस घर में बिटिया नहीं, वो घर रेगिस्तान

तेरे जैसी ही हुई, मैं शादी के बाद आती तो होगी तुझे, मिट्ठू मेरी याद   चलियो अब सिर तान के, बिटिया चली विदेश गंगा तट तज आइयो, सब चिंता सब क्लेश   ख़ुश्बू हैं ये बाग़ की, रंगों की पहचान जिस घर में बिटिया नहीं, वो घर रेगिस्तान   कैसा रस्म-रिवाज़ है, कैसा है … Continue reading जिस घर में बिटिया नहीं, वो घर रेगिस्तान